WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Aatm Gyan Kya Hai – जय श्री कृष्ण साधकों । आज के नए युग में लोग माया में इतने अंधे हो चुके है की कभी खुद को नहीं देख पाते और जो उनकी आंखों से दिखता है उस असत्य को ही सत्य मान बैठते हैं। लेकिन अगर आप भगवान यानी वह दयालु कृपानिधान पर इश्वर पाना चाहते है। तो आपको इस जगत से अलग होने की आवश्कता हैं। और खुद के सत्य स्वरूप को जानने की आवश्कता है.
आत्मज्ञान शायद अपने यह शब्द सुना होंगा जिसके बारे में योगी , तपस्वी लोग बात करते है। अगर आप उस अपने जीवन के उस अंतिम सत्य यानी परमात्मा को जानना चाहते है। तो आपको स्वयं को जानने की आवश्कता है।
आत्म ज्ञान क्या है? Aatm Gyan Kya Hai
कोई अगर आत्मा के बारे में कहे तो आप शायद डर जायेगे क्योंकि आज के समय में अज्ञानी लोगोंने आत्मा को इतना बुरा और खतरनाक बनाया है की कोई भी आत्मा के बारे में बात नही करना चाहता।
लेकिन जो योगी और ज्ञानी व्यक्ति होते है। जिन्होंने आत्म साक्षात्कार की प्राप्ति की है वो आत्मा को उस नजर से नहीं देखते जिस नजर से अज्ञानी और मूर्ख लोग देखते है।
मूर्ख लोग आत्म को भूत, चुड़ेल, डायन कहते है। लेकिन यह बिलकुल असत्य और अंधश्रद्धा है।
आत्मा असल में उस निर्गुण परमात्मा का ही अंश है जो हर जीवों में होता है, ईश्वर निराकार है और अनंत है, आत्मा का उल्लेख हमारे धर्म ग्रंथों में मिलता है। श्रीमद भगवत गीता के दूसरे अध्याय में श्री भगवान कहते है।
न जायते म्रियते वा कदाचि-
न्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो-
न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥
भावार्थ–
यह आत्मा किसी काल में न तो जन्म लेता है और नाही मरता या समाप्त होता हैं। और नाही उत्पन होकर फिर होने ही है, यह आत्मा अजन्मा नित्य सनातन और पुरातन हैं, भौतिक शरीर के मारे जाने पर भी यह आत्मा नहीं मरता है।
आपके इस भौतिक शरीर आपकी कल्पना से परे जो आत्मा जोकि परमात्मा का अंश है वो आपकी जीवन देती है इसे आप जीवनी भी कह सकते है, आत्मा कोई भौतिक वस्तु नहीं है जिसे आप आखों से देखे इसे केवल महसूस ही किया जा सकता है।
अवश्य पढ़िए –
आत्मज्ञान कैसे प्राप्त करें – Aatm Gyan Kaise Prapt Karen
आत्मज्ञान किताबी और भौतिक दुनिया का ज्ञान नहीं है जिसे आप पढ़कर या सुनकर या अपनी सभी भौतिक शरीर से जान सकते है। आत्म ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको इस भौतिक संसार से मुक्त होकर आपके भीतर ही झांकने की आवश्कता है। जान आप इस भौतिक संसार के तत्वों से पूरी तरह मुक्त हो जाते है तो आपको आपके भीतर आत्म ज्ञान की अनुभूति कर सकते है।
चलिए दोस्तो जानते है की आप आत्म ज्ञान की अनुभूति कैसे कर सकते है?
आत्म ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको ध्यान में जाकर यह जानना है की आप कोन है या आप क्या है?
आपको आपके इस भौतिक शरीर और इस भौतिक जग से मुक्त हो जाना है आसान भाषा में आपको आपके पूर्ण शरीर को भुला कर ध्यान करना है आप आपकी जिंदगी में जो भी करते है सब आपके शरीर और इस भौतिक जगत से ही जुड़ा हैं। जैसे इसे कुछ उदाहरण से समझते है, जैसे आप काम करते ताकि आप आपकी इस भौतिक शरीर से जुड़ी इशाओ को पूरा कर सकते। आप सोते है ताकि आप इस भौतिक शरीर को आराम दे सके, आप खाते है ताकि आप इस भौतिक शरीर को शक्ति दे सकते और इस भौतिक संसार में जिंदा रह सके।
लेकिन साधकों जो परमात्मा का अनुभव है और इन ईशाओ से परे है।
आत्म ज्ञान साधना विधि
- आत्म ज्ञान का अनुभव करने के लिए आपको पांच स्थितियों से मुक्त होने जरूरत।
- आप कोन है और क्या है इस सवाल के आपके पास जो भी जवाब है उन्हे भुला दीजिए और अपने अंतर मन से जानिए वास्तव में आप कोन है।
- सभी तरह के अहंकार से मुक्त हो जाएं आपको बस यह जानना है की आप इस भौतिक जगत और इस भौतिक शरीर से भिन्न क्या है।
- नशा और बुराइयों से मुक्त हो जाइए।
- आपके जीवन में आपकी जो भी इच्छाएं है उनका त्याग कर दीजिए आत्म ज्ञान का अनुभव करने समय आपकी आत्मज्ञान का अनुभव करने की भी इच्छा नही होनी चाइए। बस ध्यान में स्थिर रहिए।
- अब आपके अंदर समय के साथ जो भी विचार चल रहे है उन समस्त विचारो से मुक्त होने की कोशिश कीजिए।
जिन लोगों में इश्वर की कृपा से यह गुण आ जाते है उन्हे आत्म ज्ञान का बोध होता है।